भारत में मंकी पॉक्स दूसरा मामला मिलने के बाद इसे लेकर यूपी में एक बार फिर स्वास्थ्य महकमा अलर्ट पर है। डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने कहा है कि जिला अस्पतालों में निगरानी की जा रही है। हवाई अड्डों और रेलवे स्टेशनों की भी निगरानी की जाएगी। उन्होंने कहा कि सरकार पूरी तरह सतर्क है और हर स्थिति से निपटने के लिए तैयार है
इसके पहले मई और जून महीने में भी यूपी सरकार ने मंकी पॉक्स को लेकर अलर्ट जारी किया था। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने भी इसे लेकर चेतावनी जारी की है। बताया जा रहा है कि अभी तक 29 देशों में मंकी पॉक्स के एक हजार से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं
डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक के मुताबिक यूपी में स्वास्थ्य विभाग बीमारी से लड़ने के लिए पूरी तरह तैयार है। जिला अस्पतालों में निगरानी की जा रही है। पीएचसी-सीएचसी के प्रभारियों को भी सतर्कता बरतने के निर्देश दिए गए हैं कहा गया है यदि कोई मरीज मंकी पॉक्स के लक्षणों के साथ मिलता है तो उसके बारे में तत्काल सूचना दी जाए
प्रदेश के राजकीय मेडिकल कॉलेजों में भी वार्ड बनाने और तैयारी रखने के निर्देश दिए गए हैं ताकि मरीज मिलते ही उसे तत्काल भर्ती करके इलाज किया जा सके। सीएम योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के वरिष्ठ अधिकारियों को मंकी पॉक्स के लक्षणों, बचाव और इलाज के बारे में आम लोगों को जागरूक करने का आदेश दिया है
मंकी पॉक्स क्या होता है-
मंकी पॉक्स बहुत कम लोगों को होने वाली एक दुर्लभ बीमारी है। यह मंकीपॉक्स नाम के वायरस संक्रमण के कारण होती है। यह भी स्मॉल पॉक्स परिवार के वायरसों का ही हिस्सा है। इसका चिकनपॉक्स से कोई लेनादेना नहीं है मंकी पॉक्स बहुत कम मामलों में घातक होता है
मंकी पॉक्स के लक्षण दिखें तो क्या करें-
इसके तहत किसी को बुखार के साथ शरीर पर चकत्ते निकलते हैं तो वह तुरंत डॉक्टर से परामर्श ले। मंकी पॉक्स की समस्या होने पर 21 दिन का आइसोलेशन अनिवार्य है। जानकारों का कहना है कि मंकी पॉक्स का वायरस चार स्टेज में फैलता है और हर स्टेज पर अलग-अलग लक्षण देखने को मिलते हैं
स्टेज-
1 पहली स्टेज- पर कोई व्यक्ति अगर संक्रमित होता है तो वह लक्षण महसूस करना शुरू कर देता है। यह लक्षण अपर रेस्पिरेटरी सिस्टम से जुड़े होते हैं और काफी हद तक बुखार जैसे लगते हैं। पहली स्टेज के लक्षणों में आपको बुखार, शरीर में दर्द और थकान महसूस हो सकती है।
2 दूसरी स्टेज- मंकी पॉक्स की में बुखार जैसे लक्षण तो रहते ही हैं, साथ ही स्किन पर थोड़ी संख्या में कुछ गांठ दिखनी शुरू हो जाती हैं।
3 तीसरी स्टेज- मंकी पॉक्स की पर लिम्फैडेनोपैथी हाथों, पैरों, चेहरे, मुंह या प्राइवेट पाट्र्स पर होने वाले दानों या चकत्ते में बदल सकती है।
4 चौथी- मंकी पॉक्स की यानी आखिरी स्टेज पर ये दाने या चकत्ते उभर कर बडे़ दाने हो जाते हैं या कुछ ऐसे पस्ट्यूल में बदल जाते हैं जिनमें मवाद भरी होती है।