हिंदू धर्म में सुहागिन महिलाओं के लिए कुछ जरूरी नियम बताए गए हैं. इसमें उनके आभूषणों से जुड़े नियम भी शामिल हैं. भारतीय संस्कृति में सुहागिन महिलाएं सोलह श्रृंगार करती हैं
ये गहने सोने-चांदी, हीरे-जवाहरात के होते हैं. लेकिन कुछ गहने ऐसे होते हैं, जो सिर्फ चांदी के ही पहने जाते हैं. इन गहनों को सोने से बनाकर पहनने की सख्त मनाही की गई है
ये गहने हैं पैरों में पहने जाने वाले पायल और बिछिया. हिंदू धर्म में सोने के पायल-बिछिया पहनना वर्जित बताया गया है आइए जानते हैं सोने की बिछिया और पायल न पहनने के धार्मिक-ज्योतिषीय कारण
सोने के बिछिया पहनना होता है अशुभ-
सुहागिन महिलाओं को केवल चांदी के ही बिछिया पहनने चाहिए. सोने के बिछिया पहनना अशुभ माना गया है. धर्म शास्त्रों के मुताबिक महिलाओं को सिर से लेकर कमर तक ही सोने के गहने पहनना चाहिए
पैरों में सोना पहनना अशुभ होता है. दरअसल चांदी का संबंध चंद्र ग्रह से है. वहीं सोने का संबंध मां लक्ष्मी से है और पैरों में पहनने से उनका अनादर होता है इसलिए सोने को पैरों में नहीं पहनना चाहिए. वैज्ञानिक दृष्टि से बात करें तो चांदी की तासीर ठंडी होती है और यह पैरों को लाभ देती है
बिछिया पहनने का ये नियम भी रखें ध्यान-
सोने की बिछिया न पहनने के अलावा इससे जुड़े कुछ और नियमों का पालन करना भी अहम माना जाता है. इसके मुताबिक महिलाओं को ना तो किसी के बिछिए पहनना चाहिए और ना ही किसी को देना चाहिए. ऐसा करने से महिला का सुहाग संकट में आ सकता है, साथ ही उसके पति पर कर्ज भी बढ़ सकता है. पति-पत्नी के जीवन में आर्थिक समस्याएं समेत अन्य मुसीबतें आ सकती हैं.