दूरसंचार विभाग मंगलवार को 5जी स्पेक्ट्रम की नीलामी करेगा। इसके तहत 20 साल की अवधि के लिए कुल 72,097.85 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम की नीलामी होगी
नीलामी में शामिल होने के लिए अंतिम रूप से रिलायंस जियो इंफोकॉम, भारती एयरटेल, अडानी डाटा नेटवर्क्स और वोडाफोन आइडिया को अनुमति दी गई है। नीलामी में भाग लेने के लिए रिलायंस जियो ने 14,000 करोड़, अडानी समूह ने 100 करोड़, भारती एयरटेल ने 5,500 करोड़, जबकि वोडाफोन आइडिया ने 2,200 करोड़ रुपये की धरोहर राशि जमा कराई है
1,00,000 करोड़ रुपये तक का राजस्व मिलने की उम्मीद-
दूरसंचार विभाग को 5जी स्पेक्ट्रम की नीलामी से 70,000 करोड़ रुपये से लेकर 1,00,000 करोड़ रुपये तक का राजस्व मिलने की उम्मीद है। बाजार विश्लेषकों का कहना है कि नीलामी के दौरान आक्रामक ढंग से बोलियां लगाए जाने की उम्मीद कम है। इसकी वजह यह है कि स्पेक्ट्रम पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है जबकि बोलियां लगाने वाली कंपनियां सिर्फ चार हैं।
सरकार केवल एकमुश्त स्पेक्ट्रम शुल्क लेगी-
बोलीदाताओं को शेष किश्तों के संबंध में भविष्य की देनदारियों के बिना 10 वर्षों के बाद स्पेक्ट्रम सरेंडर करने का विकल्प दिया जाएगा। सितंबर 2021 के दूरसंचार राहत पैकेज के अनुसार, सरकार केवल एकमुश्त स्पेक्ट्रम शुल्क लेगी स्पेक्ट्रम उपयोग शुल्क माफ कर दिया गया है। स्पेक्ट्रम के लिए भुगतान 20 समान वार्षिक किश्तों में किया जा सकता है
दिल्ली, गुरुग्राम, लखनऊ, चंडीगढ़, अहमदाबाद, गांधीनगर, जामनगर, मुंबई, पुणे, बेंगलुरु, चेन्नई, कोलकाता और हैदराबाद में सबसे पहले शुरू होने की संभावना है।