केमिकल-फ्री खेती प्रमोट करने से लेकर एग्री-टेक स्टार्टअप्स की फंडिंग और किसानों को डिजिटल सर्विसेज की डिलीवरी समेत एग्रीकल्चर सेक्टर के लिए कई घोषणाएं की गईं। फाइनेंस मिनिस्टर निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में कहा कि ‘किसान ड्रोन्स’ के प्रयोग को बढ़ावा दिया जाएगा
उन्होंने कहा कि किसान ड्रोन फसलों का आकलन, लैंड रिकॉर्ड्स का डिजिटाइजेशन, फसलों पर कीटनाशकों और पोषक तत्वों को छिड़काव करने का काम करेंगे। इस स्कीम के लिए सरकार ने बजट में 60 करोड़ रुपये का आवंटन किया है
हाई-टेक सर्विसेज की डिलीवरी के लिए PPP मोड में आएगी स्कीम-
फाइनेंस मिनिस्टर निर्मला सीतारमण ने कहा, ‘पब्लिक सेक्टर रिसर्च इंस्टीट्यूशंस, प्राइवेट एग्रीटेक कंपनियों और एग्री-वैल्यू चेन के स्टेकहोल्डर्स के सहयोग से किसानों को डिजिटल और हाई-टेक सर्विसेज की डिलीवरी के लिए PPP मोड में एक स्कीम लॉन्च की जाएगी
केमिकल-फ्री खेती के बारे में फाइनेंस मिनिस्टर सीतारमण ने कहा कि देश भर में रसायन मुक्त प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दिया जाएगा। इस योजना के प्रथम चरण में गंगा नदी के 5 किलोमीटर चौड़े कॉरिडोर्स में आने वाले किसानों की जमीनों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा
फार्म सेक्टर का बजट बढ़कर हुआ 1.38 लाख करोड़ रुपये-
पिछले साल परंपरागत कृषि विकास योजना के लिए 450 करोड़ रुपये का आवंटन (2021-22 का बजट एस्टिमेट) किया गया था। रिवाइज्ड एस्टिमेट्स से पता लगता है कि साल के दौरान केवल 100 करोड़ रुपये ही खर्च किए गए अभी यह क्लीयर नहीं है कि वित्त वर्ष 2022-23 के लिए इस स्कीम में कितना आवंटन किया गया है
क्योंकि इसे राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत मर्ज्ड कर दिया गया है। यह योजना प्रॉडक्टिविटी और किसानों को मिलने वाले रिटर्न में सुधार करने के लिए लाई गई है। एग्रीकल्चर रिसर्च एनिमल हस्बन्ड्री और फिशरीज समेत फार्म सेक्टर के बजट को बढ़ाकर 1.38 ट्रिलियन (लाख करोड़) रुपये किया गया है। वित्त वर्ष 2021-22 के लिए फार्म सेक्टर का बजट 1.35 लाख करोड़ रुपये था।