जब से एयर इंडिया की कमान फिर से टाटा समूह के पास आई है। उसके बाद से ही नया मैनेंजमेंट एयर इंडिया को नए तरीके से गढ़ने में लगा है। इसी वजह से 4500 पुराने कर्मचारियों को समय से पहले रिटायरमेंट लेना पड़ रहा है
इस पूरी प्रक्रिया पर नजर बनाए रखने वाले व्यक्ति के अनुसार 4500 पुराने कर्मचारियों ने मैनेजमेंट की तरफ से दिए गए वीआरएस के ऑफर को स्वीकार कर लिया है। जब एयर इंडिया का अधिग्रहण टाटा समूह के द्वारा किया गया था तब कुल 13000 कर्मचारी काम कर रहे थे। जिसमें 8000 पर्मानेंट और बाकि कांट्रैक्ट पर थे
क्या है टाटा समूह की रणनीति-
टाटा समूह की कोशिश है कंपनी में नए लोगों को शामिल है। अलग-अलग शहरों में चल रही नई ज्वाइनिंग इसी कवायद का हिस्सा है। एक रिपोर्ट के अनुसार पूरी प्रक्रिया पर नजर बनाए रखने वाले व्यक्ति ने बताया हम सभी लम्बे समय के लिए बदलावों की प्रक्रिया में शामिल हैं। हम सभी नए एयरक्राफ्ट खरीद रहे हैं। जिसको हैंडल करने के लिए नए टैलेंटे की जरूरत है। व्यक्ति के अनुसार खर्च में कटौती, प्रोडक्टविटी बेहतर करना भी इस प्रक्रिया का हिस्सा है
इस प्रक्रिया से जुड़े व्यक्ति के अनुसार हवाई यात्रा में अपग्रेडशन ज्यादा दूरी का सफर, फ्लाइट मे और जमीन पर विश्वस्तरीय सुविधाएं देने जैसी योजनाओं पर काम किया जा रहा है। इस पूरे मसले पर एयर इंडिया की तरफ से कोई भी औपचारिक बयान जारी किया गया है
टाटा एक्जक्यूटिव के अनुसार एयर इंडिया को नए टैलेंटे की जरूरत है। जिससे कंपनी इंटरनेशनल लेवल के लोगों सर प्रतिस्पर्धा कर पाएं। कुछ सीनियर कर्मचारियों ने अलग व्यवहार किए जाने की शिकायत की थी। तब एयर इंडिया ने कहा था कि वह अपने सभी कर्मचारियों का सम्मान करता है।