दिल्ली-एनसीआर से लेकर राजधानी लखनऊ में लंबे इंतजार के बाद झमाझम बारिश शुरू हो गई है। पूर्वांचल के जिलों में भी अब बारिश की उम्मीद जगी है। पिछले पखवारे से पुरवा हवा ने बनारस का मौसम भले खुशनुमा बनाया हो मगर बारिश न होने की वजह भी यही है
तेज हवा के कारण मानसूनी बादल दक्षिण की तरफ चले गए या पहाड़ों की ओर छिटक गए और मैदान सूखे रह गए। हालांकि हवा धीमी पड़ने के बाद बादल अब दोबारा जुटने लगे हैं। इससे वाराणसी समेत पूर्वांचल के जिलों में अच्छी बारिश के हालात बन रहे हैं
आमतौर पर जून में भारत में दस्तक देने वाला मानसून केरल और ओडिशा के तटों पर टकराने के बाद आभासी मार्ग पर चलता है। मौसम विज्ञान की भाषा में इसे ‘मानसून ट्रफ’ कहते हैं। इस साल भी 3 जून को भारत के तटों पर पहुंचने के बाद मानसून अपनी रफ्तार से बढ़ा। 23 जून को बनारस में पहली बारिश भी हुई मगर इसके बाद पुरवा हवा ने खेल बिगाड़ दिया
जून के अंतिम सप्ताह से लगभग हर दिन 15 किमी प्रतिघंटा से ज्यादा की रफ्तार से पुरवा हवा चली। दो दिशा की हवा से मानसून ट्रफ का संतुलन बना रहता है मगर इस बार पुरवा ज्यादा ताकतवर थी। ऐसे में मानसून की रेखा दक्षिण दिशा की तरफ खिसक गई। बनारस की तरफ बढ़े बादल अगल-बगल से खिसककर मध्यप्रदेश, गुजरात और पहाड़ों की तरफ चले गए
बनारस और आसपास हरियाली की कमी भी इसका कारण बने पिछले दो दिनों से दोनों दिशा की हवा की रफ्तार सामान्य होने से संतुलन दोबारा बना है और मानसून ट्रफ अपनी सही जगह पर पहुंच रहा है। माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में अच्छी बारिश होगी। डॉ. श्रीवास्तव ने बताया कि बारिश के लिए आर्द्रता और तापमान भी मुफीद है। ऐसे में अगले दो दिनों से बारिश के आसार हैं
जुलाई में खुला ही नहीं बरसात का खाता-
वाराणसी मौसम के चार्ट पर गौर करें तो जून में दस्तक के बाद जुलाई और अगस्त बारिश के मुख्य महीने होते हैं। कभी-कभी सितंबर में भी बारिश हुई है। मौसम विभाग के चार्ट के मुताबिक जून से सितंबर तक बनारस में हर साल औसतन 217 मिमी बारिश हुई है। मगर 2022 के आंकड़ों पर गौर करें तो अब तक जून और जुलाई मिलाकर कुल 150 मिमी के आसपास ही बारिश हो सकी है
मंगलवार को 40 के करीब पहुंचा पारा-
वाराणसी बारिश के अभाव में सूरज का ताप फिर बनारस को झुलसाने लगा है। मंगलवार को अधिकतम तापमान 40 डिग्री सेल्सियस के करीब पहुंच गया तो रात का तापमान भी उमस के कारण बढ़ा रहा। गर्मी और नमी का मेल आमजन को बेचैन कर रहा है। बाबतपुर मौसम कार्यालय के अनुसार मंगलवार को अधिकतम तापमान 39.2 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 28 डिग्री रहा। आर्द्रता अधिकतम 59 और न्यूनतम 45 रिकॉर्ड की गई
सूखे का संकट भी मंडराया-
पूर्वांचल के नौ जिलों में बारिश नहीं होने से सूखे का संकट मंडराने लगा है। आंकड़ों के अनुसार जुलाई में आजमगढ़ में सिर्फ 5.25 मिमी, जौनपुर में 30 मिमी, मिर्जापुर में 25 मिमी, चंदौली में 30 मिमी ,बलिया में 80 मिमी, भदोही में 105 मिमी, सोनभद्र में 132 मिमी बारिश हुई हैं। वहीं मऊ में इस माह अब तक बारिश नहीं हुई।