गूगल आज 19 जुलाई को मशहूर भारतीय कवित्री बालमणि अम्मा की 113वीं जयंती मना रहा है। इस मौके पर गूगल ने एक खास डूडल तैयार किया है। उन्हें मलयालम साहित्य की ‘अम्मा’ (माँ) और ‘मुथस्सी’ (दादी) के रूप में जाना जाता है
अम्मा को ढेर सारे पुरस्कार और सम्मानों से नवाजा गया है। कुछ प्रमुख पुरस्कारों में 1987 में भारत के तीसरे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म भूषण, 1965 में मुथासी के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार, 1995 में निवेद्यम के लिए सरस्वती सम्मान शामिल हैं
अम्मा ने स्कूल जाकर शिक्षा तो प्राप्त नहीं की, लेकिन वह अपने मामा और उनके पुस्तकालय से बहुत प्रभावित थीं उन्होंने अनुवाद सहित अन्य कार्यों के साथ कविताओं के 20 से अधिक संकलन प्रकाशित किए
बालमणि अम्मा का जन्म 19 जुलाई 1909 को केरल के पुन्नायुरकुलम में उनके पुश्तैनी घर नालापत में हुआ था Google ने कहा कि उन्होंने कभी कोई औपचारिक प्रशिक्षण या शिक्षा प्राप्त नहीं की, बल्कि लोकप्रिय मलयाली कवि और उनके मामा नलप्पट नारायण मेनन ने उन्हें घर पर ही स्कूली शिक्षा दी
उनकी सबसे प्रसिद्ध कृतियों में अम्मा (1934), मुथस्सी (1962), और मजुविंते कथा (1966) शामिल हैं। वह कमला दास की मां भी थीं, जिन्हें 1984 में साहित्य के नोबेल पुरस्कार के लिए नामांकित किया गया था।