Thursday, November 21, 2024
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    हज यात्रा के दौरान पहना जाता है खास कपड़ा, जानिए ऐसा क्यूं

    हज यात्रा इस्लामी कैलेंडर के धुल हिज्जा महीने से शुरू होती है, जो इस्लामी वर्ष का 12वां महीना होता है धुल हिज्जा महीने की 8वीं तारीख से हज यात्रा शुरू होती है और 10वीं तारीख को ईद अल-अज़हा का पर्व मनाया जाता है, जिसे बकरीद भी कहा जाता है

    हज यात्रा के लिए पूरी दुनिया के मुस्लिम काबा जाते हैं जो कि सऊदी अरब के मक्का में स्थित पवित्र स्थान है। काबा का अर्थ है खुदा का घर। आपको शायद ही पता होगा कि हज यात्रा के दौरान अनेक नियमों का पालन करना होता है और इनमें से कुछ नियम बहुत ही सख्त होते हैं। आज हम आपको इससे जुडी बातें बताने जा रहे हैं

    ये है मुस्लिमों का सबसे बड़ा तीर्थ- 

    दुनिया का हर मुसलमान जीवन में एक बार हज करने की इच्छा जरूर रखता है। ऐसा इसलिए क्योंकि ये इस्लामा से 5 जरूरी फर्जों में से एक है। जी हाँ और मुस्लिमों का सबसे बड़ा धर्म स्थल काबा है, सऊदी अरब के मक्का में है

    काबा एक बहुत बड़ी मस्जिद में स्थित एक छोटी सी इमारत है और ये इमारत संगमरमर पत्थर से बनी है। कहते हैं जब इब्राहिम काबा का निर्माण कर रहे थे तब जिब्राइल, जिसे देवदूत माना जाता है ने उनको यह पत्थर दिया। इसलिए इस स्थान को बहुत पवित्र माना गया है

    हज शुरू करने से पहले पहाना जाता है ये खास कपड़ा-

    हज यात्रा विभिन्न चरणों में पूरी होती है। जी हाँ और सबसे पहले हज यात्रियों को मक्का पहुंचने से पहले मीकात नाम की सीमा से गुजरना होता है। ऐसे में इसके लिए पहले एहराम नाम का विशेष वस्त्र पहनना होता है। एहराम बिना सीले चादर के दो टुकड़े होते हैं, जिसे शरीर से ऊपरी व निचले हिस्से पर लपेटा जाता है। जी दरअसल यह वस्त्र पहनने के बाद किसी प्राणी या पेड़-पौधे के प्रति हिंसा नहीं की जाती, बाल नहीं काटे जाते आदि नियमों का पालन आवश्यक हो जाता है।

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