भगवान शिव को समर्पित सावन माह गुरुवार से शुरू हो रहा है। सावन 14 जुलाई को शुरू होकर 12 अगस्त को समाप्त होगा। इस बार सावन में चार सोमवार पड़ेंगे
बीते दो वर्षों से कोराना महामारी के चलते तमाम पाबंदियों के बीच शिव मंदिरों में भोलेनाथ की आराधना कर पा रहे थे इस बार बड़ी संख्या में भक्तों की भीड़ मन्दिरों में उमड़ने की उम्मीद है जिसे लेकर मनकामेश्वर, कोनेश्वर, बड़ा शिवालय महाकाल व बुद्धेश्वर समेत सभी शिव मंदिरों में तैयारियां जोरों पर चल रही हैं
सावन माह के सोमवार को भगवान शिव के पूजन का विशेष महत्व है। सोमवार को बड़ी संख्या में भक्त मंदिर पहुंचका भोलेनाथ के दर्शन करते हैं। शिव पूजन से अकाल मृत्यु का भय समाप्त होता है। ज्योतिषाचार्य एसएस नागपाल ने बताया कि इस सावन पहला सोमवार 18 जुलाई को है इस दिन शोभन और रवि योग है
दूसरा सोमवार 25 जुलाई को है, सोम प्रदोष और स्वार्थ सिद्धि योग होने से इस सोमवार का विशेष महत्व है। वहीं तीसरा सोमवार 1 अगस्त प्रजापति और रवि योग के बीच गनाया जाएगा। वहीं सावन का अंतिम सोमवार 8 अगस्त को पुत्रदा एकादशी को पड़ रहा है
सावन माह के प्रमुख पर्व-
25 जुलाई को प्रदोष, 26 जुलाई को महा शिवरात्रि, 31 जुलाई को हरियाली तीज, 2 अगस्त को नागपंचमी और 11 अगस्त को रक्षाबंधन 11 को मनाया जाएगा
सावन में बहुत से भक्त मंदिर या घर पर रुद्राभिषेक करते हैं। यह भगवान शिव का प्रचंड रूप जिससे सभी बाधाओं और समस्याओं का नाश होता है। सावन माह में भगवान शिव ही सृष्टि का संचालन करते हैं। इसलिए इस समय रुद्राभिषेक अधिक और तुरंत फलदायी होता है। रुद्राभिषेक से सभी परेशानियां दूर होती हैं, परिवार में सुख- समृद्धि और शांति आती है।