देवाधिदेव महादेव को प्रिय सावन माह बहुत पवित्र माह माना गया है। इस माह सच्चे मन से भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा-अर्चना करने से सभी कष्ट दूर हो जाते हैं। सावन माह में प्रत्येक सोमवार का विशेष महत्व है
सावन के सोमवार को भगवान शिव और माता पार्वती का सच्चे मन से ध्यान करने मात्र से समस्त रोग दोष दूर हो जाते हैं सावन सोमवार को व्रत रखने से अकाल मृत्यु का भय दूर हो जाता है और दीर्घायु की प्राप्ति होती है
सावन माह में सृष्टि के संचालन का उत्तरदायित्व भगवान शिव ग्रहण करते हैं। सावन मास के सोमवार को भगवान शिव और माता पार्वती की उपासना का विशेष महत्व बताया गया है। सावन के सोमवार को सुबह स्नान आदि से निवृत्त होने के बाद स्वच्छ वस्त्र धारण करें
ओम नम: शिवाय मंत्र का जाप करते हुए भगवान शिव का जलाभिषेक करें। भगवान शिव को पुष्प एवं बेल पत्र अर्पित करें। शिवलिंग पर गंगाजल में काला तिल मिलाकर अर्पित करें। भगवान शिव को प्रसाद के रूप में घी और चीनी का भोग लगाएं। भगवान शिव और माता पार्वती की विधि विधान से पूजा करने से मनोवांछित फल प्राप्त होता है। भगवान शिव को पंचामृत दूध, दही, घी, अमृत, शहद अर्पित करें
भगवान शिव को फल एवं मिठाई का भोग लगाएं। जनेऊ और वस्त्र भी अर्पित करें। सावन मास में शिवलिंग का रुद्राभिषेक करने का भी विशेष महत्व है। शिव पुराण के अनुसार, सावन माह के प्रत्येक सोमवार को व्रत करने से भगवान शिव और माता पार्वती का आशीष प्राप्त होता है सावन सोमवार को महामृत्युंजय मंत्र, शिव पुराण का पाठ, रुद्राभिषेक करने से रोग, शोक से मुक्ति मिलती है।