दूसरी पत्नी साधना गुप्ता के निधन के बाद समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव सुर्खियों में हैं। हर कोई उनकी पहली पत्नी और पूरे परिवार के बारे में जानना चाहता है। क्या आप जानते हैं कि मुलायम सिंह पर फिल्म भी बनी है
इसमें मुलायम को न सिर्फ कुश्ती के अखाड़े से राजनीतिक दंगल का खिलाड़ी बनते दिखाया गया है, बल्कि उनके पूरे परिवार से भी रूबरू कराया गया है हम आपको मुलायम पर बनी फिल्म ‘मैं मुलायम सिंह यादव’ की कहानी के बारे में बता रहे हैं
अमित सेठी ने निभाई है मुलायम सिंह की भूमिका-
सुवेंदु घोष के निर्देशन में बनी इस फिल्म में अमित सेठी ने मुलायम सिंह यादव की भूमिका निभाई है। वहीं अभिनेता मिथुन चक्रवर्ती के बेटे मिमोह ने मुलायम के भाई शिवपाल सिंह यादव का किरदार निभाया है। प्रेरणा सिंह, मुलायम सिंह यादव की पत्नी के रूप में नजर आई है
प्रकाश बलबेटो ने राम मनोहर लोहिया की भूमिका निभाई है और गोविंद नामदेव चौधरी ने चरण सिंह का किरदार अदा किया था। जरीना वहाब और अनुपम श्याम ने क्रमश: मुलायम की मां और पिता का रोल निभाया है
मुलायम को राजनेता नहीं पहलवान बनाना चाहते थे पिता-
फिल्म में दिखाया गया है कि कैसे उनके गुरु डॉ राममनोहर लोहिया का उद्धरण “ज़िंदा कौम पांच साल तक इंतजार नहीं करती” उनका मंत्र बन गया और वह देश के सबसे सफल राजनीतिक नेताओं में से एक बन गए। फिल्म की शुरुआत में दिखाया गया है कि साधारण परिवार से ताल्लुक रखने वाले मुलायम सिंह यादव के पिता चाहते थे कि मुलायम सिंह पहलवान बने। लेकिन, उनकी किस्मत में कुछ और ही बनना लिखा था
यही कारण है कि एक कुश्ती प्रतियोगिता के दौरान उनकी मुलाकात स्थानीय राजनीतिक नेता नाथूराम से हुई, जिन्होंने उन्हें राजनीति में प्रवेश करने का पहला मौका दिया था
नहीं है दूसरी पत्नी साधना का जिक्र-
फिल्म में इस बात का जिक्र भी किया गया है कि कैसे नाथूराम, राम मनोहर लोहिया और चौधरी चरण सिंह ने मुलायम सिंह यादव के राजनीतिक ज्ञान को तैयार और आकार दिया था। इतना ही नहीं फिल्म में मुलायम सिंह के मुख्यमंत्री बनने तक के सफर के दौरान उनकी पहली पत्नी मालती देवी के योगदान की कहानी भी बताई गई है। ‘मैं मुलायम सिंह यादव’ में पूर्व मुख्यमंत्री की दूसरी पत्नी साधना का जिक्र नहीं किया गया है
अखिलेश यादव की बायोग्राफी ‘बदलाव की लहर’ में मुलायम सिंह और साधना के रिश्ते का भी जिक्र है। इस किताब में बताया गया है कि मुलायम की मां मूर्ती देवी अक्सर बीमार रहती थीं। उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। तब साधना गुप्ता मूर्ति देवी की देखभाल करती थीं
एक बार सैफई मेडिकल कॉलेज में एक नर्स गलत इंजेक्शन लगाने जा रही थी, उस वक्त साधना ने ही नर्स को रोका था दरअसल, साधना भी नर्स रही थीं। उन्होंने नर्सिंग का कोर्स करने के बाद उन्होंने कुछ दिनों तक नर्सिंग होम में काम भी किया था। जब ये बात मुलायम को मालूम हुई तो वह साधना से काफी प्रभावित हुए
इस शर्त पर माने थे अखिलेश यादव-
साल 2003 में मुलायम सिंह यादव ने सार्वजनिक तौर पर पहली बार साधना गुप्ता को अपनी पत्नी का दर्जा दिया। उसी साल मुलायम की पहली पत्नी और अखिलेश यादव की मां मालती देवी का निधन हुआ था। साधना गुप्ता को पत्नी स्वीकार करने पर अखिलेश यादव अपने पिता से काफी नाराज हुए थे
तब समझौता हुआ था कि साधना के बेटे प्रतीक यादव राजनीति से दूर रहेंगे। साधना भी राजनीति से दूर ही रहीं। बाद में साधना गुप्ता की बहू और प्रतीक की पत्नी अपर्णा यादव ने जरूर राजनीति में कदम रखा। अपर्णा विधानसभा का चुनाव भी लड़ चुकी हैं। अपर्णा फिलहाल भाजपा में हैं।