मध्य प्रदेश के सागर में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है. यहां टीका लगाने वाले जितेंद्र नाम के शख्स ने एक ही सिरिंज से 30 छात्रों को वैक्सीन लगा दी
यह घटना बीते बुधवार को हुई. टीका लगाने वाले जितेंद्र ने दावा किया कि अधिकारियों द्वारा केवल एक सिरिंज भेजी गई थी और उन्हें विभाग के प्रमुख द्वारा सभी बच्चों को इसके साथ टीकाकरण करने का आदेश दिया गया था. छात्रों के माता-पिता द्वारा रिकॉर्ड किए गए एक वीडियो में जितेंद्र ने कहा कि वह उसका नाम नहीं जानता
एक ही सीरिंज से लगा दी 30 छात्रों को वैक्सीन-
डिस्पोजेबल सीरिंज जो कि सिर्फ एक बार ही इस्तेमाल की जाती है. 1990 के दशक से ही एचआईवी फैलने के बाद से डिस्पोजेबल सीरिंज यूज किया जाने लगा था. चिंतित माता-पिता द्वारा मौके पर रिकॉर्ड किए गए एक वीडियो में जितेंद्र को यह कहते हुए सुना जा सकता है, ‘जिस व्यक्ति ने सामग्री वितरित की, उसने केवल एक सिरिंज दी
घटना के बाद इस मामले में शुरू हो गई जांच-
यह पूछे जाने पर कि क्या उन्हें पता है कि एक सिरिंज का इस्तेमाल कई लोगों को इंजेक्शन लगाने के लिए नहीं किया जाना चाहिए, जितेंद्र ने कहा, ‘मुझे यह पता है. यही वजह है कि मैंने उनसे पूछा कि क्या मुझे सिर्फ एक सिरिंज का इस्तेमाल करना है
उन्होंने ‘हां’ कहा. यह कैसे मेरी गलती है? मैंने वही किया जो मुझसे करने के लिए कहा गया था सागर जिला प्रशासन ने जितेंद्र के खिलाफ लापरवाही और केंद्र सरकार की ‘वन निडिल, वन सिरिंज, वन टाइम’ प्रतिज्ञा का खुले तौर पर उल्लंघन करने के लिए प्राथमिकी दर्ज की है
कोविड टीकाकरण शिविर के दौरान हुई घटना-
सुबह वैक्सीन व अन्य आवश्यक सामग्री भेजने के प्रभारी जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ. राकेश रोशन के खिलाफ भी विभागीय जांच शुरू कर दी गई है. यह घटना सागर शहर के जैन पब्लिक हायर सेकेंडरी स्कूल में स्कूली बच्चों के लिए एक कोविड टीकाकरण शिविर के दौरान हुई. यह देखते हुए कि बच्चों को एक ही सिरिंज से टीका लगाया जा रहा है
माता-पिता ने शिकायत की. प्रभारी कलेक्टर क्षितिज सिंघल ने तत्काल मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को निरीक्षण करने के निर्देश दिए. निरीक्षण के दौरान जितेंद्र मौजूद नहीं थे. घटना के सामने आने के बाद से उसका फोन भी स्विच ऑफ था.