कोरोना के नए संक्रमित मामलों का मिलना अभी भी थमा नहीं है। रोज नए केस निकल रहे हैं। इस बीच देश में मंकीपॉक्स के केस मिलने से चिंता बढ़ने लगी है
ताजमहल का दीदार करने के लिए सुदूर देशों से सैलानियों के आने के कारण भी मंकीपॉक्स को लेकर ज्यादा चिंता है आशंकाओं को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग अलर्ट हो गया है। इसके लिए दो स्पेशल वार्ड भी बना दिए गए हैं
मंकीपॉक्स के मरीजों के लिए एक एसएन मेडिकल कॉलेज और एक स्वास्थ्य केंद्र बरौली अहीर में स्पेशल वार्ड बनाया गया है। उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य विभाग मरीजों की जांच भी कर रहा है कि कहीं कोई मरीज के संपर्क में तो नहीं आया उन्होंने कहा कि यदि किसी में लक्षण मिलेंगे तो उसे होम आइसोलेट करा दिया जाएगा। अभी तक कोई भी केस सामने नहीं आया है
उन्होंने बताया कि मंकीपॉक्स मरीजों में अधिकतर बुखार, चकत्ते, सूजी हुई लिम्फनोड्स (गले में गिल्टी) या छाले निकलना, कमजोरी आना इसके सामान्य लक्षण हैं। इसके लक्षण सामान्यतः 2 से 4 सप्ताह में दिखाई देते हैं
मंकीपॉक्स जानवरों से इंसानों में या एक से दूसरे व्यक्ति में फैल सकता है। इसमें कटी-फटी त्वचा और सांस नली या म्यूकोसा जो कि आंख-कान या मुंह के माध्यम से शरीर में फैलता है। यह दूषित बिस्तर, संक्रमित कपड़ों से भी फैलता है उन्होंने बताया कि इसके लक्षण चेचक या आर्थोपॉक्स वायरस से मिलते-जुलते हैं। मंकीपॉक्स चेचक की तुलना में कम संक्रामक है इसका इन्क्यूबेशन पीरियड 7 से 14 दिन का होता है। कभी- कभी 5 से 21 दिन का भी हो सकता है