भगवान भोलेनाथ का प्रिय महीना सावन की शुरुआत कल यानी 14 जुलाई 2022 से हो रही है। मान्यता है कि जो भक्त श्रावण मास में सच्चे मन और विधि-विधान से भोलेनाथ को पूजता है उसके सब मनोरथ पूर्ण होते हैं। लेकिन सावन में कुछ नियमों का ध्यान रखना भी बेहद आवश्यक माना गया है।
हिंदू कैलेंडर के अनुसार पांचवा महीना सावन का होता है जो भगवान शिव की पूजा-आराधना को समर्पित माना जाता है पौराणिक मान्यता के अनुसार सावन के महीने में ही शिवजी अपने ससुराल गए थे जहां उनका जलाभिशेक करके स्वागत किया गया था
इसलिए हर साल भूलोक-वासियों के लिए सावन का महीना भोलेनाथ का आशीर्वाद पाने के लिए उत्तम माना जाता है श्रावण मास में भगवान शिव की भक्ति और पूजा-अर्चना के लिए शास्त्रों में उपाय बताए गए हैं। लेकिन कुछ ऐसी बातें भी हैं जिनका सावन माह में पालन करना जरूरी माना जाता है अन्यथा भगवान शिव नाराज हो सकते हैं। तो आइए जानते हैं सावन मास में क्या नहीं करना चाहिए
सावन मास में कभी न करें ये भूल
लड़ाई-झगड़ा न करें-
भगवान शिव और माता पार्वती को समर्पित सावन के महीने में घर-परिवार में या किसी को भी लड़ाई-झगड़े से बचना चाहिए अन्यथा इससे घर की सुख-शांति और समृद्धि पर गलत असर पड़ता है
इन चीजों को न खाएं-
शास्त्रों के अनुसार सावन के महीने में कुछ चीजों को खाना वर्जित माना गया है। इनमें लहसुन, प्याज, मूली मसूर की दाल, बैंगन शामिल हैं। मान्यता है कि इनका सेवन करने से अज्ञानता और उत्तेजना को बढ़ावा मिलता है जो आपको अध्यात्म के मार्ग से भटका सकते हैं। वैज्ञानिक दृष्टि से सावन के महीने में बैंगन में कीड़े पड़ जाने के कारण ही इसे खाना स्वास्थ्य के लिए सही नहीं माना जाता
बीच में व्रत ना छोड़ें-
शास्त्रों के अनुसार जो व्यक्ति सावन के सोमवार का व्रत रखता है उसे पूरे सोमवार के व्रत रखने चाहिए। कभी भी बीच में छोड़कर व्रत नहीं रखने चाहिए अन्यथा इससे भगवान शिव नाराज हो सकते हैं
मांस-मदिरा से दूर रहें-
श्रावण मास में मांस-मदिरा का सेवन तो दूर इन्हें हाथ लगाना भी एक बड़ी भूल माना गया है। भगवान भोलेनाथ की कृपा प्राप्ति के लिए भक्तों को श्रावण मास में हमेशा सात्विक भोजन करना चाहिए।