दिग्गज आईटी कंपनी इंफोसिस 11 करोड़ यूरो (875 करोड़ रुपये) में डेनमार्क की बेस लाइफ साइंस का अधिग्रहण करेगी. इंफोसिस की तरफ से दी गई जानकारी में बताया गया इस टेकओवर से लाइफ साइंस फील्ड में इंफोसिस के मजबूत होने के साथ यूरोप में उपस्थिति बढ़ेगी
इंफोसिस के चेयरमैन रवि कुमार एस ने कहा, ‘हम इंफोसिस फैमिली में बेस लाइफ साइंस और उसकी टीम का स्वागत करने के लिए उत्साहित हैं
जेएसडब्ल्यू एनर्जी (JSW Energy) की सहयोगी कंपनी जेएसडब्ल्यू नियो एनर्जी (JSW Neo Energy) को सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (SECI) से 300 मेगावाट क्षमता वाली पवन ऊर्जा परियोजना का ऑर्डर मिला है. इसके साथ कंपनी की कुल उत्पादन क्षमता बढ़कर 7.5 गीगावाट हो जाएगी
सार्वजनिक क्षेत्र की एनएचपीसी (NHPC) की तरफ से बताया गया कि बिजली मंत्रालय ने जम्मू-कश्मीर में प्रस्तावित 1,856 मेगावॉट की सावलकोट पनबिजली परियोजना में 973 करोड़ रुपये के निवेश को मंजूरी दे दी है. बीएसई को भेजी सूचना में कंपनी ने कहा कि बिजली मंत्रालय ने सावलकोट परियोजना के लिए नवंबर, 2021 के मूल्य स्तर पर 973 करोड़ रुपये की निवेश-पूर्व गतिविधियों को मंजूरी दी
आईटी कंपनी माइंडट्री ने अपने जून तिमाही के आंकड़े जारी कर दिए हैं. माइंडट्री का चालू वित्त वर्ष की जून में अप्रैल से जून तिमाही में शुद्ध लाभ 37.3 प्रतिशत बढ़कर 471.6 करोड़ रुपये पर पहुंच गया. इससे पिछले फाइनेंशियल ईयर की समान अवधि में कंपनी ने 343.4 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ कमाया था
एचडीएफसी 5 हजार करोड़ रुपये जुटाने के लिए बॉन्ड जारी करेगा. सिक्योर्ड रिडीमेबल नॉन-कन्वर्टिबल डिबेंचर (NCD) पर हर साल 7.77 प्रतिशत की दर से ब्याज दिया जाएगा. इसकी अवधि 4 साल 11 महीने और 10 दिन की होगी
टाटा पावर की सहयोगी कंपनी टीपी सोर्या लिमिटेड (TPSL) को कर्नाटक में 600 मेगावॉट क्षमता के हाइब्रिड प्रोजेक्ट के लिए सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया से आवंटन पत्र मिला है. हाइब्रिड प्रोजेक्ट के तहत सौर और पवन ऊर्जा परियोजना एक ही जगह लगाई जाती है. परियोजना बिजली खरीद समझौते (PPA) की तारीख से 24 महीने के भीतर चालू की जाएगी
प्रमुख एफएमसीजी कंपनी डाबर ने सहायक कंपनियों के माध्यम से बांग्लादेश स्थित एशियन कंज्यूमर केयर में संयुक्त उद्यम भागीदार एडवांस्ड केमिकल इंडस्ट्रीज से लगभग 51 करोड़ रुपये में पूरी हिस्सेदारी हासिल कर ली है सहायक कंपनी डाबर इंटरनेशनल के माध्यम से अधिग्रहण से पहले डाबर के पास फर्म में 76 प्रतिशत हिस्सेदारी थी.