नाग पंचमी का त्योहार सावन माह की शुक्ल पंचमी को मनाया जाता है। इस साल यह पर्व 2 अगस्त को मनाया जाएगा नाग पंचमी के दिन भगवान शिव के साथ नाग देवता की विधिवत पूजा की जाती है
भोलेनाथ को सांपों को देवता माना गया है। लेकिन ध्यान रहे कि नागपंचमी के दिन भूलकर भी जीवित सांप की नहीं बल्कि नागदेवता की प्रतिमा की पूजा करनी चाहिए
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, नाग पंचमी के दिन भगवान शिव के साथ नागदेवता की पूजा करने से संकटों से मुक्ति मिलती है। जीवन में सौभाग्य की प्राप्ति होती है। ज्योतिषाचार्यों का कहना है कि नाग पंचमी पर नागदेव की प्रमिता का पूजन मंदिर या घर में ही करना चाहिए
इसके अलावा जीवित सांप को दूध न पिलाकर प्रतिमा पर ही दूध अर्पित करना शुभ माना गया है। इसके पीछे का कारण है कि सांप मांसाहारी होते हैं। ये जीव दूध नहीं पीता है। सांप के लिए दूध जहर समान होता है। जिससे उसकी मृत्यु हो सकती है
नागदेवता की पूजा के दौरान इस बात का रखें ध्यान-
नागदेवता की पूजा के दौरान हल्दी का खास तौर पर इस्तेमाल करना चाहिए। धूप, बत्ती और पूजन साम्रगी अर्पित करने के बाद नाग देवता को मिठाई का भोग लगाना चाहिए
कालसर्प दोष से मुक्ति-
इस साल नाग पंचमी के दिन मंगला गौरी व्रत का संयोग बन रहा है। यह व्रत माता पार्वती को समर्पित माना गया है मान्यता है कि इस दिन भगवान शंकर व माता पार्वती की पूजा करने से सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। भगवान शंकर की कृपा से कालसर्प दोष से मुक्ति मिलती है
भूलकर भी न करें ये काम-
मान्यता है कि नाग पंचमी के दिन जमीन की खुदाई करना अशुभ माना गया है। इसके अलावा नागपंचमी के दिन धरती पर हल भी नहीं चलाया जाता है। कहा जाता है कि इस दिन सुई में धागा भी नहीं डालना चाहिए। वहीं इस दिन आग पर तवा और लोहे की कढ़ाही चढ़ाना भी अशुभ माना गया है।