Amit Shah Interview: अमित शाह ने गुजरात दंगों पर आजतक से बातचीत में कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर सारे आरोप गलत हैं. उन्होंने कहा कि पीएम मोदी ने हमेशा कानून का साथ दिया है. उन्होंने ये भी कहा है कि दंगा होने का मूल कारण गुजराती ट्रेन को जला देना था. उन्होंने कहा कि मैंने बच्ची को उसकी मां को गोद में जलते हुए देखे थे. उन्होंने कहा कि दंगों के बाद मैं खुद हॉस्पिटल में था. चारों और लाशें थी.
अमित शाह ने कहा कि दंगों के वक्त शासन-प्रशासन में जो लोग थे, उन्होंने अच्छा काम किया. उन्होंने कहा कि घटना के बाद जो लोगों में रोष था, उसके बाद क्या होगा, इसकी भनक किसी को नहीं था. अमित शाह ने कहा कि मोदी को नानवती आयोग ने भी क्लीनचीट दी गई थी. उन्होंने कहा कि हमें न्यायिक प्रक्रिया में सहयोग किया. एसआईटी ने हमसे जांच में सहयोग मांगा, हमने किया. उन्होंने कहा कि कोई भी व्यक्ति न्याय की परिधि से बाहर नहीं है.
अमित शाह ने कहा कि न्यायिक प्रक्रिया के खिलाफ आंदोलन सही नहीं है. उन्होंने कहा कि मुझे भी जेल में डाल दिया गया था लेकिन मैं कहता था मैं गलत नहीं हूं, ये राजनीति से प्रेरित था. अमित शाह ने कहा कि पार्टी मेरे साथ है, इसका मुझे भरोसा था. मेरी पार्टी और मेरे नेता पर आरोप लगे थे, इसलिए झूठ के खिलाफ लड़ाई लड़ना जरूरी था.
अमित शाह ने कहा कि जिन जिन राज्यों में आज भाजपा सरकार है, वहां अन्य पार्टियों की सरकार पहले भी थी. आप लोग आंकड़ों को निकाल कर देख लीजिए कि किसके शासन काल में दंगे कम हुए हैं. भाजपा को दंगों से फायदे के सवाल पर अमित शाह ने कहा कि विपक्ष का आरोप बिलकुल गलत है. अगर ऐसा है तो हम दंगे ज्यादा कराते.
कई एनजीओ मामले को लंबा खिंचना चाहते थे: अमित शाह
केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि पीएम मोदी ने उस वक्त दंगे न भड़के इसके लिए काफी कुछ किया था. उन्होंने कहा कि जो हालात बन गए थे, उसे संभालने में थोड़ा वक्त लग गया था. अमित शाह ने कहा कि मामले में जो पॉलिटिकल पार्टियां एनजीओ को फंडिंग कर रहे थे, वे मामले को लंबा खिंचना चाहते थे ताकि नरेंद्र मोदी पर आरोप लगते रहे. उन पर झूठ आरोप लगते हुए मैंने देखा है, उसके बावजूद मैंने मोदी को धैर्य से काम करते देखा है. 18 साल के बाद आज उन्हें विजयी होते भी देखा है.
अमित शाह ने कहा कि केंद्र और राज्यों के बीच जो तालमेल होनी चाहिए, फिलहाल के समय में वह ठीक है. उन्होंने अग्निपथ योजना के विरोध में हिंसा की खबरों पर कहा कि लॉ एंड ऑर्डर को संभालना राज्यों का काम है.
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने 2002 में गुजरात दंगों में तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को क्लीन चिट देने वाली SIT रिपोर्ट के खिलाफ दाखिल याचिका को खारिज कर दिया है. ये याचिका जाकिया जाफरी की ओर से दाखिल की गई थी. कोर्ट ने SIT की जांच रिपोर्ट को सही माना है. जाकिया जाफरी पूर्व सांसद अहसान जाफरी की पत्नी हैं. जस्टिस एएम खानविलकर, जस्टिस दिनेश माहेश्वरी और जस्टिस सीटी रविकुमार की बेंच ने ये फैसला सुनाया है.