Friday, November 22, 2024
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    घर के दरवाजे पर नाग पंचमी में, जानिए किस तरह की जाती है पूजा

    नाग पूजन प्राचीन कालीन सभ्यताओं से नाग पंचमी के दिन मंदिर में नाग की मूर्ति का दर्शन करना शुभ माना जाता है हमारा देश धार्मिक आस्था और विश्वास का देश है

    हमारे यहां सर्प, अग्नि, सूर्य और पितरों को सबसे अधिक महत्व दिया जाता है। सर्पों को शक्ति व सूर्य का अवतार माना जाता है। इस साल नागों के प्रति श्रद्धा भाव एवं सम्मान के प्रतीक नाग पंचमी का प्रसिद्ध पावन 2 अगस्त 2021 दिन मंगलवार को मनाया जाएगा

    पंचमी तिथि का आरंभ 1 अगस्त दिन सोमवार की रात  में 2:34 बजे लग जायेगी जो , 2 अगस्त को रार में 2:25 बजे तक व्याप्त होगी। उदय कालिक तिथि 2 अगस्त को सूर्योदय के साथ आरम्भ होकर सम्पूर्ण दिन नाग पंचमी मनाई जाएगी

    इस दिन गृह द्वार पर सर्पाकार बनाएं ,जल से अभिषेक करें , घी , गुण चढ़ाएं ज्योतिषीय दृष्टि से जिनकी जन्म कुण्डली में राहु लग्न भाव से द्वितीय, चतुर्थ, पंचम, अष्टम , नवम , द्वादश में हो उनको इस दिन विशेष पूजा करनी चाहिए तथा इस दिन नाग देवता के पूजन से कुण्डली में विद्यमान सर्प योग, सहित समस्त ग्रहो की अशुभता को शुभता में परिवर्तित किया जा सकता है

    इस दिन रुद्राभिषेक, महामृत्युंजय , काल सर्प पूजन, आदि किया जाना श्रेयष्कर होता है
    इस दिन नागों के 12 नामो का जप लाभदायक होता है

    अनंत । वासुकी । शेष । पदम। कंवल। अश्वतर

    शंखपाल । धृतराष्ट्र । तक्षक । कालिया । पिंगल

    “ॐ कुरुकुल्ये हुं फट स्वाहा” इस मंत्र का यथा शक्ति जप करना लाभदायक हो सकता है ।।

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