ज्येष्ठ माह की अमावस्या के दिन भगवान शनिदेव का जन्म हुआ। इस दिन को शनि जयंती के रूप में मनाया जाता है कहा जाता है कि शनिदेव की अगर कृपा हो जाए तो जीवन से हर दुख दर्द दूर हो जाते हैं
भगवान शनिदेव बहुत जल्द प्रसन्न होकर अपने भक्तों की सभी मुरादें पूर्ण कर देते हैं। शनिदेव की जयंती पर कुछ उपाय अवश्य करने चाहिए। आइए जानते हैं इनके बारे में
शनिदेव न्याय के देवता हैं। शनि की महादशा से परेशान लोगों के लिए यह दिन विशेष फल देने वाला माना जाता है शनिदेव की जयंती के दिन भगवान शिव और हनुमान जी की पूजा करने से शनिदेव प्रसन्न होते हैं। शनि जयंती के दिन भगवान शनिदेव की पूजा के साथ शिवलिंग पर जल अर्पित करें। इस दिन शनि चालीसा का पाठ करें
इस विशेष दिवस पर भगवान शनिदेव के मंदिर जाकर तेल, काली तिल, नीले फूल और उड़द अर्पित करें। इस दिन जरूरतमंदों को काला कपड़ा, तेल, भोजन, उड़द और मिठाई आदि का दान करें। मान्यता है कि शनि जयंती के दिन छाया दान करने से समस्त कष्टों से मुक्ति मिलती है
इस दिन किसी का दिल न दुखाएं। बुजुर्गों का भूल से भी अपमान न करें। शनिदेव के समक्ष तिल के तेल का दीपक जलाएं। तिल के तेल से भगवान शनिदेव का अभिषेक करें। शनिदेव की पूजा में नीले रंग के फूल, शमी के पत्ते, काला तिल, सरसों के तेल आदि का प्रयोग करें। इस दिन सोमवती अमावस्या के साथ वट सावित्री व्रत का त्योहार भी मनाया जाएगा।